Tagged: Easy Hindi poem

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4. Asking about Daily Routine

Role-Play: Daily Routine Conversation Scene: Amit and Sana are classmates who meet at a café to discuss their daily routines. Amit: सना, तुम्हारा रोज़ का दिन कैसा होता है? (Sana, how is your daily...

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हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था

हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था व्यक्ति को मैं नहीं जानता था हताशा को जानता था इसलिए मैं उस व्यक्ति के पास गया मैंने हाथ बढ़ाया मेरा हाथ पकड़कर वह खड़ा हुआ मुझे...

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कभी टल नहीं सकता (कविता – कुँवर नारायण)

मैं चलते-चलते इतना थक गया हूँ, चल नहीं  सकता।            मगर मैं सूर्य हूँ, संध्या से पहले ढल नहीं सकता कोई जब रोशनी देगा, तभी हो पाऊँगा  रोशन मैं मिट्टी...

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आना-केदारनाथ सिंह Aanaa poem by Kedarnath Singh

  आना आना जब समय मिले जब समय न मिले तब भी आना आना जैसे हाथों में आता है जाँगर (bodily energy) जैसे धमनियों (artery) में आता है रक्त (blood) जैसे चूल्हों (stove) में...