Author: HindiCentral

Poems by Prakyaksha 0

Poems by Prakyaksha

मामूली चीजें – 1  मसलन धूप में सूखते रंगीन सफेद कपड़े उन्हें देखते ही कैसी तो खुशी जगमगाती है गेंहूँ बीनती औरत अच्छी लगती है शायद माँ याद आ जाती हैं हंसुये से मछली...