दरवाज़ा (कविता)

https://www.sarita.in/poem/hindi-kavita-darwaza दरवाज़ा     घर बहुत बड़ा था लेकिन दरवाज़ा बहुत छोटा धूप, हवा, बारिश सब का आना था मना घर में रहते थे बस चंद लोग एकदम अपरिचित जैसे रेलगाड़ी के किसी डब्बे … Continue reading दरवाज़ा (कविता)